ईनस्टाग्राम (read my massage)
कहानी केसी लगी।
“चीकरी चीकरी सोग – एक अधूरी बारिश का वादा” ☔💞
💫 कहानी: चीकरी चीकरी सोग
बरसात की हल्की-सी फुहार थी…
आसमान से जैसे किसी ने प्यार के छोटे-छोटे मोती गिरा दिए हों।
वो दिन था जब रिद्धि पहली बार आयुष से मिली थी — एक पुराने स्टेशन की टूटी बेंच पर, जहां चाय की भाप और बारिश की महक दोनों ने दिल की धड़कनों को धीमा कर दिया था।
“चीकरी चीकरी सोग…”
वो धीरे से बोली थी, जैसे कोई अपनी यादों को शब्दों में बाँध रहा हो।
आयुष हंसा — “ये कौन-सी भाषा है?”
रिद्धि ने कहा — “ये मेरे दिल की भाषा है… जब बारिश होती है तो मेरा दिल यही गाना गाता है।”
उस पल से दोनों के बीच एक अनकहा रिश्ता बनने लगा —
ना कोई वादा, ना कोई रिश्ता…
सिर्फ़ वो “चीकरी चीकरी सोग” की धुन, जो हर बारिश में उन्हें जोड़ देती थी।
🌧️ दूसरा मौसम — दो साल बाद
रिद्धि चली गई थी आयरलैंड काम के लिए।
आयुष ने कभी कहा नहीं, लेकिन उसके हर स्केच, हर पेंटिंग में वो दिखती थी।
वो अब भी उसी स्टेशन पर शाम को बैठता — बारिश में वही लाइन गुनगुनाता —
“चीकरी चीकरी सोग… तू आई तो मौसम मुस्कुराया…”
कभी-कभी फोन पर बात होती —
वो कहती, “यहाँ बारिश ठंडी है, पर तुम्हारी आवाज़ अब भी गर्म है।”
वो जवाब देता, “यहाँ बारिश वही है, बस तुम नहीं हो।”
💔 तीसरा मौसम — अलगाव
रिद्धि की शादी किसी और से तय हो गई।
आयुष ने सुना, पर कुछ कहा नहीं।
उस दिन जब पहली बारिश हुई — उसने बस आसमान की तरफ देखा और बोला —
“अब जो बरसेगा, वो सिर्फ़ मेरा सोग होगा… चीकरी चीकरी सोग।”
रिद्धि ने दूर देश में वही गाना सुना — जैसे हवा उसके कानों में फुसफुसा रही हो।
उसकी आँखें भर आईं… उसने आसमान की तरफ देखा और कहा —
“शायद कुछ रिश्ते सिर्फ़ बारिश के साथ जीने के लिए बनते हैं, निभाने के लिए नहीं।”
❤️ आख़िरी मौसम — मिलन
सालों बाद, एक आर्ट एग्ज़िबिशन में,
रिद्धि ने देखा — दीवार पर लगी एक पेंटिंग:
दो छतरियाँ — एक टूटी हुई, एक उड़ती हुई, और नीचे लिखा था —
“चीकरी चीकरी सोग — The Sound of Unsaid Love.”
वो मुस्कुरा दी —
क्योंकि उस दिन फिर वही फुहार शुरू हुई थी,
और उसने महसूस किया कि कुछ प्यार…
कभी ख़त्म नहीं होते — बस बारिश की तरह बदलते हैं। 🌧️💞
🌠 संक्षेप में संदेश
“चीकरी चीकरी सोग” एक प्रतीक है —
उस प्यार का जो कभी पूरा नहीं हुआ,
पर जिसकी धड़कन अब भी हर बारिश में सुनाई देती है।
कभी दर्द, कभी सुकून, और कभी एक अधूरा वादा बनकर।