भारत में टैलेंटेड लोग होते हुए भी वे खुद नया काम क्यों नहीं करते?
"भारत के लोग इतने टैलेंटेड और पढ़ाई में होशियार होते हुए भी खुद नया काम क्यों नहीं शुरू करते? बेरोजगारी, महंगाई और शादी जैसे विषयों पर इतनी बहस क्यों होती है?" – यह एक बहुत ही गहरी और विचारशील समस्या है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
1. भारतीयों में टैलेंट की कोई कमी नहीं, फिर भी...
भारत हमेशा से ही दुनिया को बेहतरीन वैज्ञानिक, इंजीनियर, डॉक्टर, आईटी एक्सपर्ट, और उद्यमी देता आया है। लेकिन फिर भी ज्यादातर लोग खुद का नया बिजनेस या इनोवेशन शुरू करने से बचते हैं। इसके पीछे कुछ मुख्य कारण हैं:
(A) जोखिम लेने का डर
- भारत में जॉब सिक्योरिटी को ज्यादा महत्व दिया जाता है।
- लोग खुद का बिजनेस करने के बजाय सरकारी नौकरी या स्थिर जॉब को प्राथमिकता देते हैं।
- "अगर बिजनेस फेल हो गया तो क्या होगा?" यही सोच उन्हें कदम बढ़ाने से रोकती है।
(B) सामाजिक दबाव और मानसिकता
- "अरे, बिजनेस करेगा? कोई अच्छी नौकरी क्यों नहीं करता?"
- परिवार और समाज की मानसिकता अक्सर नई सोच और इनोवेशन को दबा देती है।
- ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, सरकारी कर्मचारी बनाने पर ज़ोर देते हैं।
(C) सरकारी सपोर्ट और संसाधनों की कमी
- बिजनेस करने के लिए पूंजी (फंडिंग), कानूनी सहायता, और सही गाइडेंस की जरूरत होती है।
- भारत में छोटे बिजनेस को ग्रो करने में काफी समस्याएँ आती हैं, जिससे लोग हिम्मत हार जाते हैं।
2. लोग खुद काम करने के बजाय दूसरों से काम क्यों करवाते हैं?
भारत में एक कहावत है - "अगर किसी काम को टाल सकते हो, तो टाल दो!" 😅
हालांकि यह मज़ाक में कहा जाता है, लेकिन इसमें सच्चाई भी छिपी है।
(A) आराम पसंद मानसिकता
- भारतीय लोग मेहनत करने से कतराते नहीं, लेकिन अगर कोई काम आसानी से करवाया जा सकता है, तो खुद करने के बजाय दूसरों से करवाना पसंद करते हैं।
- "मैं मालिक बनूँ, और लोग मेरे लिए काम करें" – यह सोच भी हावी रहती है।
(B) सस्ते श्रम (Cheap Labor) का असर
- भारत में घरेलू नौकर, ड्राइवर, मजदूर आसानी से उपलब्ध होते हैं।
- इससे लोग खुद के छोटे-छोटे काम भी दूसरों से करवाने के आदी हो जाते हैं।
(C) नौकरी की मानसिकता (Job Mindset)
- हमारी शिक्षा प्रणाली उद्यमिता (Entrepreneurship) पर कम और नौकरी पर ज्यादा ध्यान देती है।
- इसलिए ज़्यादातर लोग खुद से कुछ नया करने के बजाय जॉब के पीछे भागते हैं।
3. लोग बेरोजगारी और महंगाई की शिकायत क्यों करते हैं?
(A) बेरोजगारी बढ़ने की असली वजह
- स्किल गैप: कॉलेज की डिग्री होने के बावजूद लोग इंडस्ट्री की मांग के अनुसार स्किल्ड नहीं होते।
- अत्यधिक प्रतियोगिता: हर साल लाखों लोग नौकरी के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन नौकरियाँ सीमित होती हैं।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन: टेक्नोलॉजी ने कई जॉब्स को खत्म कर दिया है।
- नया सोचने की कमी: लोग खुद नया बिजनेस या स्टार्टअप शुरू करने के बजाय नौकरी की तलाश में लगे रहते हैं।
(B) महंगाई क्यों बढ़ रही है?
- सरकार की आर्थिक नीतियाँ
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल और अन्य चीजों के दाम बढ़ना
- भारत की बढ़ती जनसंख्या
- सप्लाई चेन की समस्याएँ (COVID-19 के बाद बढ़ीं)
4. जब महंगाई और बेरोजगारी बढ़ रही है, तो लोग शादी क्यों करते हैं?
(A) पारिवारिक और सामाजिक दबाव
- भारतीय संस्कृति में शादी को जीवन का सबसे जरूरी हिस्सा माना जाता है।
- "लड़की की उम्र हो गई है, शादी करवा दो!" – इस सोच की वजह से लोग शादी के लिए मजबूर हो जाते हैं।
(B) इमोशनल और मानसिक सपोर्ट
- लोग जीवन में एक साथी चाहते हैं जो उनके अच्छे और बुरे समय में साथ दे सके।
- शादी करने के पीछे सिर्फ जिम्मेदारी नहीं, बल्कि स्नेह और भावनात्मक जुड़ाव भी होता है।
(C) आर्थिक सहयोग और स्थिरता
- शादी के बाद दोनों पार्टनर एक-दूसरे की आर्थिक मदद कर सकते हैं।
- कुछ मामलों में, शादी के बाद इंसान ज्यादा जिम्मेदार और आत्मनिर्भर बनता है।
5. जब खुद शादी कर लेते हैं, तो दूसरों को सलाह क्यों देते हैं?
- भारत में सलाह देने की संस्कृति बहुत मजबूत है।
- "तुम अभी छोटे हो, अभी शादी मत करो!" – जो खुद शादीशुदा होते हैं, वे दूसरों को शादी के बारे में ज्ञान देना अपना हक समझते हैं।
- कुछ लोग सच में अनुभव से सीखकर सलाह देते हैं, लेकिन कुछ लोग सिर्फ दूसरों की ज़िंदगी में दखल देना पसंद करते हैं।
निष्कर्ष:
👉 भारत में लोग टैलेंटेड हैं, लेकिन...
✅ डर, समाज का दबाव, और जॉब सिक्योरिटी की चाहत के कारण वे खुद नया काम करने से हिचकिचाते हैं।
✅ लोग खुद आराम से जीना चाहते हैं, लेकिन जब कोई और काम नहीं करता तो बेरोजगारी और महंगाई की शिकायत करते हैं।
✅ शादी को ज़रूरी मानते हैं, लेकिन जब कोई और शादी करना चाहता है, तो उन्हें रोकने की कोशिश करते हैं।
💡 समाधान:
✔ भारतीयों को अपनी मानसिकता बदलनी होगी।
✔ जोखिम लेने की हिम्मत रखनी होगी।
✔ नौकरी के अलावा खुद के बिजनेस और स्टार्टअप पर ध्यान देना होगा।
✔ दूसरों को ज्ञान देने के बजाय, खुद आगे बढ़ने की कोशिश करनी होगी।